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कंपनी का इतिहास

हमारा लक्ष्य है महज एक क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसी से बढकर काम करना. हम अत्याधुनिक, ग्लोबल रिस्क इनफार्मेशन संबंधी जानकारी प्रदान करते हैं, और जानकारी का उपयोग अच्छे के लिए करने का प्रयास कर रहे हैं.

ग्राहकों के लिए, हम उनके क्रेडिट इतिहास और आर्थिक प्रतिष्ठा को स्पष्ट रूप से समझने के लिए जानकारी और साधन प्रदान करते हैं, और निजी जानकारी की चोरी होने और संभावित धोखाधडी से सुरक्षित रखते हैं.

व्यवसायों के लिए, हम सशक्त जानकारी के समाधान प्रदान करते हैं जिन्हें प्रोफेशनल सर्विस और मौजूदा, व्यापक डाटा का आधार मिला है, ताकि बेहतर तरीके से पूरी जानकारी के साथ निर्णय लिए जा सकें.

हमारी अभी तक की यात्रा के मुख्य पडाव इस प्रकार हैं:

2000

ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड (पहले क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड) की स्थापना आरबीआई सिद्दीकी कमिटी की सिफारिशों के आधार पर की गई.

2004

भारत में क्रेडिट ब्यूरो सर्विसेस की शुरूआत की गई (कन्ज्यूमर ब्यूरो).

2006

कमर्शियल ब्यूरो ऑपरेशन्स का आरंभ हुआ.

2007

बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए भारत का पहला जेनेरिक रिस्क स्कोरिंग मॉडल, सिबिल स्कोर पेश किया गया.

2010

भारत में क्रेडिट इंडस्ट्री के लिए निम्नलिखित दो नई शुरूआतें हुईं:

  • सिबिल डिटेक्ट: हाई रिस्क गतिविधि पर जानकारी के लिए भारत का पहला रिपॉजिटरी.
  • सिबिल मॉर्टगेज चेक: भारत में मॉर्टगेजेस पर पहला सेंट्रलाइज्ड डाटाबेस.

2011

सिबिल ट्रांसयूनियन स्कोर व्यक्तिगत ग्राहकों के लिए उपलब्ध कराया गया.

2016

ट्रांसयूनियन ने सिबिल में 82% हिस्सेदारी ग्रहण की और ट्रांसयूनियन सिबिल बन गई जो भारत की अग्रणी क्रेडिट इन्फॉर्मशन कंपनी है.